Monday, August 18, 2014

ARUN JAITLEY IN INDO PAKISTAN BORDER IN AMRTISAR

Buzz. 

Heard so in the corridors of power.
Thanks
R RAJAGOPALAN 
New Delhi 
----------------------------
Defence Minister Arun Jaitley on Monday is scheduled to visit the Indo Pakistan Border areas - touch the last mile of the Indian Borders near Wagah in Amrtisar. In his other responsibility as Finance Minister also would review the Drug smuggling with Revenue Officials. Visit to Golden temple offer prayers plus have special lunch with his friends at his newly renovated Bungalow which he purchased early this year.  It is also his Parliamentary constituency. 
Attraction is Arun Jaitley will travel frquently to Amrtisar in the coming years.
------------------------------
Bringing two Chief Ministers Nara Chandrababu Naidu and K Chandrasekhar Rao over a discussion table is a bright initiative.  This was the observation of  Prime Minister Narendra Modi when E S L Narasimhan Governor of Andhra Pradesh briefed him over phone on Sunday evening.  Prime Minister asked Governor to meet him on Thursday in Delhi.
Two warring Chief Ministers spent three hours with the Governor in Raj Bhawan sorting out major differences of perceptions. Prime Minister also suggested to Governor Narasimhan to engage these two Chief Ministers with discussions- please invite for Dinner both the Cabinets of Chandrababu Naidu and Chandrasekhar Rao at Raj Bhawan. From Centre the funds allocations for both states will be to the satisfaction of both Telangana and Andhra Pradesh was the word of encouragement from Prime Minister
--------------------------------
Arun Baluni many in BJP were surprised over the inclusion as national spokesperson. He is from Uttarakhand, defended Narendra Modi from false propoganda that Modi organised evacuating ten thousands from the Flood fury
Baluni fought with local congress leaders for having spread a false story on Modi. From this it is established that 
Narendra Modi remembered the defence of Baluni -and among few suggestions to Amit Shah- inclusion of Baluni is also one. Baluni is too close to a media baron. That also added attraction for his elevation as National Spokesperson.
------------------------------
Speaker of Lok Sabha Sumitra Mahajan is flooded with requests from 500 Members of Parliament-for inclusion of his or her name in the "powerful" Standing Committees..  Before the Winter Session of Parliament 45 committees will be in position. List is almost ready. Sumitra Mahajan wanted to consult the Leader of the Lok Sabha Narendra Modi and also Venkaiah Naidu parliamentary affairs minister before announcing the compositin of the committees.
Sumitra Mahajan does not hide the fact that 400 MPs were silent in debates -question hour-but 44 created a ruckus
and  adjourned the House.  People are watching how the majority of the House were maintained a stotic silence while 44 minority stalled the proceedings.
------------------------
Some invitees overheard Smrti Zubin Irani union Minister on Independence Day discreetly enquiring the seating arrangements in the VVIP enclosure. She asked seniors in President Secretariat the protocol drills of seats next to President. As she was kept out  - and was to circulate with only VVIP.  Probably that irked as there was was no chairs to sit. This all happened at at home in. Mughul Gardens. Her eyes were soared to see Arun Jaitley Rajnath Singh seated next to President. Little later she was given a protocol manual.  The leader of Lok Sabha and Rajya Sabha Leaders of Opposition in both houses are permitted by Pranab Mukherjee while others to circulate themselves among the other 2500 invitees. The matter was treated as closed   But in BJP circles this murmur went viral
--------------------
THAMBIDURAI promotion as Deputy Speaker is likely land up in legal litigation  with his continuance as Propaganda Secretary of ADMK   According to BJP circles this is a conflict of interest
Shiv sena a key ally of BJP openly demanded during greeting deputy speaker in Lok Sabha that a respect to the chair decorum will be kept by THAMBIDURAI   Thee is buzz in delhi circles that some MPs are keen to move a privilege motion in parliament against ADMK THAMBIDURAI for his continuance of propaganda secretary. These MPs quite Lok Sabha rules also Kaul and Shakdar rule books  ADMK is caught in a tight spot..  THAMBIDURAI is also heading educational institutions. As a presiding officer such conflict of interest will be hindrance to justice inside Lok Sabha. Will THAMBIDURAI resign as Propaganda Secretary. Or else BJP will wait for more actions from Jayalalitha in replacing with other senior ADMK leader as propaganda secretary as she did in the case of appoints Venugopal as leader of AK Lok Sabha leader of 37 MPs.
------------
ends

Saturday, August 2, 2014


अब दक्षिण पर निगाहें

आर राजगोपालन

सद के मानसून सत्र ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के भविष्य की राजनीति और उसके सम्मुख मौजूद चुनौतियों के संकेत दे दिए हैं। इससे यह भी साफ होता है कि आगामी शीत सत्र के स्वरूप और सोलहवीं लोकसभा के भविष्य के निर्धारण में दक्षिण भारत की क्षेत्रीय पार्टियों की अहम भूमिका रहेगी। लोकसभा और राज्यसभा की प्रेस गैलरी में बैठकर महीने भर लंबे मानसून सत्र का राजनीतिक विश्लेषण करते हुए एक व्यापक तस्वीर उभरती है।
सर्वप्रथम तो भारतीय जनता पार्टी का अन्नाद्रमुक, तेलगुदेशम पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के प्रति झुकाव दिख रहा है। दूसरी ओर भाजपा ने बेहद प्रभावी ढंग से कांग्रेस को बेअसर कर रखा है, जो अभी तक हार के सदमे से बाहर नहीं निकल पाई है। गौरतलब है कि कांग्रेस के मौजूदा 44 सांसदों में 20 सांसद दक्षिणी राज्यों से हैं। इसके अलावा भाजपा का अन्नाद्रमुक के सामने लोकसभा उपाध्यक्ष के पद का प्रस्ताव रखना भी तमिलनाडु में राजनीतिक गठजोड़ के नजरिये से महत्वपूर्ण है।
गौरतलब है कि मानसून सत्र में अब तक अन्नाद्रमुक ने कांग्रेस को जिस तरह खामोश करके रखा है, यह देखते हुए उसे भाजपा की बी टीम मानना उचित होगा। इसके अलावा यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि भाजपा किस तरह दक्षिण में अपनी पहुंच बढ़ा रही है, और किस तरह उसने कांग्रेस की सीटों और उसके वोट प्रतिशत को नुकसान पहुंचाया है।
दक्षिणी की राजनीति को समझने के लिए कुछ मुद्दों को अच्छी तरह से समझना होगा। यूपीए सरकार के आखिरी दिनों में कांग्रेस आंध्र प्रदेश के विभाजन के लिए जिम्मेदार थी। इसको लेकर कांग्रेस के खिलाफ लोगों की नाराजगी का फायदा भाजपा और टीडीपी को मिला। इसी तरह लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में जातिगत समीकरणों और उनके राजनीतिक प्रभावों का लाभ भी इन दोनों पार्टियों को मिला।
लोकसभा चुनाव में इन चार राज्यों में ब्राह्मणों और ऊंची जातियों का पूरा सफाया हो गया। दरअसल रेड्डी, खम्मा, कापूस, वोक्कालिगा, लिंगायत, इझावा, नायर और गौंडर दक्षिणी राज्यों की प्रभावशाली जातियां हैं। लोकसभा चुनाव में इन सभी जातियों ने कांग्रेस को पूरी तरह नकार दिया, जिसका फायदा क्षेत्रीय दलों, और एक तरह से भाजपा को भी मिला।
दक्षिणी राज्यों की राजनीति के मद्देनजर नरेंद्र मोदी की शख्सियत का विश्लेषण करना खासा दिलचस्प है। दरअसल उन्होंने अकेले अपने दम पर आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और पुदुचेरी में कांग्रेस का सफाया किया। लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान पूरे दक्षिण भारत में 54 बड़ी रैलियां करके मोदी ने यहां के मतदाताओं के दिलों में घर बनाया है।
वर्ष 2016 में तमिलनाडु और केरल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष अमित शाह इन राज्यों में भाजपा को पुनर्जीवन देने की योजना बना रहे हैं। मोदी और अमित शाह की जोड़ी कितनी लाजवाब है, यह कांग्रेस और द्रमुक के नेता बखूबी समझते हैं। अब यह जोड़ी 2016 के विधानसभा चुनावों को 2019 के लोकसभा चुनाव जैसा बनाना चाहती है। उनका असल सपना ′कांग्रेस मुक्त दक्षिण भारत′ का है।
गौरतलब है कि दक्षिणी राज्यों में कुल 900 विधानसभा क्षेत्र और 130 लोकसभा सीटें हैं। अमित शाह ने दक्षिण के भाजपा नेताओं तक संदेश पहुंचा दिया है कि 2019 में वह कम से कम 50 लोकसभा सीटों और 119 विधानसभा सीटों पर फोकस करेंगे। मगर बड़ा सवाल है कि भाजपा यह करेगी कैसे। ′सबका साथ, सबका विकास′ का नारा देने वाले नरेंद्र मोदी के सामने दक्षिणी राज्यों तक पहुंच बनाने के संदर्भ में अटल बिहारी वाजपेयी की शैली का उदाहरण था, जिन्होंने केरल के ओ राजगोपाल और बाद में तमिलनाडु के थिरुनावकरासर को मध्य प्रदेश से राज्यसभा में भेजा। वह चाहते थे कि राजस्‍थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से भी दक्षिण के राजनेता राज्यसभा में भेजे जाएं। यह उसी पहलकदमी का नतीजा है कि आर रामकृष्‍णा आज राजस्‍थान से राज्यसभा सांसद हैं।
वर्ष 2018 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिस पर भाजपा की नजर है। वह वहां बेहतर प्रदर्शन करने के मद्देनजर अपनी संभावनाओं पर खासा ध्यान दे रही है। दक्षिण के जिस एक राज्य पर भाजपा अपनी नजरें गड़ाए हुए है, वह नवगठित तेलंगाना है। दरअसल नवगठित छोटे राज्यों पर भाजपा की शुरू से ही मजबूत पकड़ रही है, चाहे वह उत्तराखंड हो, छत्तीसगढ़ हो या झारखंड। ऐसे में, वह तेलंगाना में भी सत्ता में आना चाहेगी।
तेलंगाना के साथ ही भारतीय जनता पार्टी आंध्र प्रदेश में भी टीडीपी के साथ मिलकर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहेगी। रही बात तमिलनाडु की, तो वहां के मतदाता भी बारी-बारी से आने वाली जयललिता और करुणानिधि की सरकारों से त्रस्त हो चुके हैं। उनकी इस परेशानी का उल्लेख मोदी अपने भाषणों में भी तमाम बार कर चुके हैं। 2016 के विधानसभा चुनाव में तमिलनाडु में भाजपा और अन्नाद्रमुक के नजदीक आने की पूरी संभावना है। नरेंद्र मोदी और जयललिता के बीच का तालमेल पहले ही बेहतर ढंग से आगे बढ़ रहा है। अपने चुनावी अभियान के दौरान नरेंद्र मोदी ने साफ-साफ बता दिया था कि भाजपा की रेल दक्षिण भारत में सरपट दौड़ेगी। केंद्र की सत्ता में आने के बाद जाहिर है, मोदी और उनके सहयोगी अब इसी दिशा में काम कर रहे हैं।

लेखक दक्षिण की राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार हैं

दक्षिण की पार्टियों से मेलजोल बढ़ाना और अन्नाद्रमुक को लोकसभा उपाध्यक्ष पद का प्रस्ताव देना भाजपा की राजनीतिक महत्वाकांक्षा का सूचक है। कर्नाटक के अलावा तेलंगाना व आंध्र प्रदेश में भी वह सरकार बनाना चाहेगी।
2-8-2014


MONSOON SESSION OF PARLIAMENT 
BRINGS BJP NEARER TO 
ADMK, TRS, YSRCP, 


AMIT SHAH NEW CHALLENGE
CONGRESS MUKHT SOUTH INDIA-2016


By R Rajagopalan

Monsoon session of Parliament has given a hint of future politics and challenges before the BJP Government.
It has sent out a clear signal that Southern regional parties will play a crucial role in conduct of Winter Session
and also future of sixteenth Lok Sabha

Clarity of the month long monsoon session if it is to be interpreted politically as viewed from Press Gallery of Lok Sabha and Rajya Sabha - a mega picture emerges. 

First and foremost is that BJP gravitating towards Southern regional parties like ADMK, TDP and also YSR Congress and Telangna Rashtraiya Samithi.TRS.  
                     
Second BJP has very effectively neutralised the Congress which is yet to come out of its complete rout. Present strength of Congress with 44 if analysed 20 MPs come from Southern States.

Third interesting aspect is offer of Deputy Speaker of Lok Sabha to ADMK is significant from Tamil Nadu political alignments.

Fourth is ADMK silenced Congress benches in Monsoon session -thereby ADMK got branded as B team of BJP.

Beyond these Illustrations given above reader has to estimate the reach of BJP in southern states and how it galloped the space and voter share of Congress.  

To understand southern states politics-three issues are to be kept in mind. 

Congress Party in the last days of UPA Government was responsbile in bifurcation of Andhra Pradesh.  This discomforts and anger against Congress was taken advantage by BJP and TDP.  Similarly the Caste combination and their political positioning during Lok sabha polls - in Karnataka, Kerala Andhra Pradesh and Tamil Nadu.
Total elimination of Brahmins and upper castes in these four states  Reddy, Khamma, Kapus, Vogalikga and Lingayat,
Ezhavas, Nairs Thevar, Gownders are the dominat castes in Southern staes. in 2014 Lok Sabha polls all these communities had deserted Congress. that was beneficial to regional parties also in a way to BJP.

Very important is to analyse  the personality of Narendra Modi with Southern states - he was mainly responsible in wipring out of Congress in  Andhra Pradesh, Karnataka, Kerala, Tamil Nadu, Telangana and Puduchery  - in 2014 Modi has gone much deeper in the hearts of voters in these states. Modi addressed 54 mega rallies in South India. 

With Amit Shah elevation as President of BJP- if he steps into these four states, which obviously is his strategy.
In 2016 three Tamil Nadu, Kerala are going to assembly polls. Amit Shah has plans to revitalise BJP in these states.
Modi and Amit Shah is a deadly combination-which is well understood by Congress and  DMK leaders
To strategise to ensure by 2016 as a prelude to 2019 Lok sabha - a complete "Congress mukt Dakshin Bharat"
There are 900 assembly constituencies in southern staes, and 130 Lok Sabha seats. A major chunk  
What Amit Shah conveyed to leaders of BJP from south is that he would focus atleast 50 Lok Sabha in 2019 and 100 Assembly seats. How would BJP achieve this? With Modi slogan, "Saab ki haath Saab ki vikas"

Atal Bihari Vajpayee style of intrusions in South states was a model for Modi.  But for Vajpayee compelling BJP in Madhya Pradesh to accommodate O Rajagopal of Kerala and later Thirunavukarasar of Tamil Nadu to be elected to Rajya Sabha.  Atalji insisted one MP should be from Madhya Pradesh. He was keen to expand it to other states
like Rajasthan and Maharasthra.  That is why R Ramakrishna is now Rajya sabha MP from Rajasthan.

BJP is concentrating in Karnataka for 2018 Assmbly polls.  It will capture. Similarly there is another state where BJP is certain to rule is Telangana.  Reason, in NDA regime in 2002  when smaller states are created, since then
BJP is in power in Chhatisgarh, also  held on to Uttrakhand, Jharkhand. In all probablity, BJP may capture
Telangana. and also Andhra Pradesh with alliance of TDP.  Similarly in Tamil Nadu voters are dejected with the
alternate Governments of Jayalalitha and Karnunanidhi. Which Modi effectively stated in poll speeches. 
In 2016 assembly election in Tamil Nadu, BJP and ADMK is bound to get closer. Compulsions are not only
Hindutva style of Jayalalitha, but the chemistry between Modi and Jayallaitha are working well.

Narendra Modi mindset is clear-from his poll speeches. That BJP will make in roads in Southern States.


ends
==========================================